थारे रस्ते में उड़ रही धूल,
धूल म्हाने प्यारी लागे,
प्यारी लागे रे बाबा प्यारी लागे।।
उड़ उड़ धूल म्हारे,
माथे पे आवे,
मेने चंदन लगाया भरपूर,
धूल मने प्यारी लागे।।
उड़ उड़ धूल म्हारे,
आँखो मे आवे,
मेने दर्शन किये रे भरपूर,
धूल म्हाने प्यारी लागे।।
उड़ उड़ धूल म्हारे,
हाथो पे आवे,
मेने ताली बजाई भरपूर,
धूल म्हाने प्यारी लागे।।
उड़ उड़ धूल म्हारे,
पावो मे आवे,
मे तो झूम झूम नाचू भरपूर,
धूल म्हाने प्यारी लागे।।
उड़ उड़ धूल म्हारे,
साथ मे आवे,
मेने ध्यान लगाया भरपूर,
धूल म्हाने प्यारी लागे।।
लुल लुल बाबा थारा,
दर्शन पावा,
गावे दाश गोपालो आज,
धूल म्हाने प्यारी लागे।।
थारे रस्ते में उड़ रही धूल,
धूल म्हाने प्यारी लागे,
प्यारी लागे रे बाबा प्यारी लागे।।
गायक / प्रेषक – गोपाल सोनी रतनगढ़।
9982095020