आयो फगणियो आपा,
होली खेला भेरुजी रे लार,
आयो फ़ागणियो,
उड़ रहियो लाल,
गुलाल यो देखो,
नाकोड़ा दरबार,
आयो फ़ागणियो।।
मेवानगर री पहाड़ियों में,
सजधज करके बेठिया रे,
भेरूजी रा भगत कर रहिया,
रंगों री बौछार,
आयो फ़ागणियो।।
हाथो में गुलाल ओर,
रंग भरी पिचकारी रे,
दादा रे दरबार मे देखो,
भगतो री भरमार,
आयो फ़ागणियो।।
माँ अम्बे रा लाल ने,
करदयो लालम लाल जी,
खेल रहिया भक्तो संग होली,
भेरूजी सरकार,
आयो फ़ागणियो।।
नाकोड़ा में होली खेलके,
भगता हुया दीवाना जी,
हर बरस नाकोड़ा आकर,
उड़ावे रंग गुलाल,
आयो फ़ागणियो।।
आई रुत मतवाली देखो,
बाज रहिया है चंग जी,
ढोलक ढोल मंजीरा बाजे,
झाँझर री झणकार,
आयो फ़ागणियो।।
नाकोड़ा में होली ‘दिलबर’,
भगता गावे धमाल जी,
भेरूजी संग होली खेले,
टुकलिया परिवार,
आयो फ़ागणियो।।
आयो फगणियो आपा,
होली खेला भेरुजी रे लार,
आयो फ़ागणियो,
उड़ रहियो लाल,
गुलाल यो देखो,
नाकोड़ा दरबार,
आयो फ़ागणियो।।
गायक – रेखा राव / हर्ष व्यास।
रचनाकार – दिलीप सिंह सिसोदिया ‘दिलबर’।
नागदा जक्शन म.प्र. 9907023365