रोज सवेरे बाबोसा के,
दर्शन है जरूरी,
बाबोसा बिन जिंदगी की,
हर धड़कन है अधूरी।।
नयनो के जब पर्दे खोलूँ,
बाबोसा की निहारु मैं,
सुंदर छवि है बाबोसा की,
अपने दिल में उतारूं मैं,
भक्त और भगवान के बीच,
रहे न कोई दूरी,
रोज सवेरें बाबोसा के,
दर्शन है जरूरी।।
बाईसा ने भक्तो पर,
अपना प्यार लुटाया,
ॐ बाबोसा मंत्र देकर,
जीवन सफल बनाया,
बाबोसा के दर्शन से,
हर आस हुई है पूरी,
रोज सवेरें बाबोसा के,
दर्शन है जरूरी।।
जब तक ‘दिलबर’ जीवन है,
नियम कभी न बदले,
सुबह शाम बस बाबोसा का,
नाम मुख से निकले,
अर्जी सौंपी बाईसा को,
करना बाबोसा पूरी,
रोज सवेरें बाबोसा के,
दर्शन है जरूरी।।
रोज सवेरे बाबोसा के,
दर्शन है जरूरी,
बाबोसा बिन जिंदगी की,
हर धड़कन है अधूरी।।
गायिका – संचारी बोस मुम्बई।
रचनाकार – दिलीप सिंह सिसोदिया ‘दिलबर’।
नागदा जक्शन म.प्र. 9907023365