माजीसा री मूरत लागे प्यारी घणी,
लीला अजब घणी,
देवो दर्शन मैया देवो ओ,
घणी घणी खम्मा माँ मोतियां वाली,
जसोला वाली,
नित उठ जोड़ा हाथ ओ।।
सवाई सिंह जी संग आवो मैया रानी,
सुनो अरजी म्हारी,
लाल बन्ना सा संग लावो ओ,
नोपत नगाड़ा बाजे ढोल थाली,
मां मोतियां वाली,
घूमर रमता आवो ओ।।
भादवा तेरस ने लागे मेलो भारी,
आवे नर ने नारी,
दुनिया रा दुखड़ा मेटो ओ,
थारो ही आसरो मां मोतियां वाली,
मां तू ही रखवाली,
भवसु पार उतारो ओ।।
साचा मन सु ध्यावे जापर मेहर करी,
लीला लहर करी,
माजीसा री महिमा अपरम्पार ओ,
‘मनीष सीरवी’ थाने अरज करी,
सुनो माजीसा म्हारी,
‘जोगाराम प्रजापत’ गावे ओ।।
माजीसा री मूरत लागे प्यारी घणी,
लीला अजब घणी,
देवो दर्शन मैया देवो ओ,
घणी घणी खम्मा माँ मोतियां वाली,
जसोला वाली,
नित उठ जोड़ा हाथ ओ।।
गायक – जोगाराम जी प्रजापत बाड़मेर।
लेखक / प्रेषक – मनीष सीरवी।
रायपुर जिला ब्यावर राजस्थान।
9640557818