बन गया है अवध में राम दरबार,
आ गया है,
पल जिसका था इन्तजार,
इंतजार, आ गया है,
पल जिसका था इन्तजार।।
तर्ज – सौलह बरस की।
जब तक बना ना मंदिर,
मन में ना चैन था,
ना था सुख ही न थी खुशियां,
ना ही दिल में सुकून था,
अब जो बना है मन्दिर,
हर हिन्दू कह रहा,
हो गया है अंत देखो,
राम के वनवास का,
आ गया है,
पल जिसका था इन्तजार,
इंतजार, आ गया है,
पल जिसका था इन्तजार।।
गूंज रही है धरती,
जयकारो से राम की,
हर एक लबों पे चर्चा,
अयोध्या धाम की,
आई घड़ी सुहानी,
विराजे है राम जी,
आ गया है अब समय ये,
राम के राज्य का,
आ गया है,
पल जिसका था इन्तजार,
इंतजार, आ गया है,
पल जिसका था इन्तजार।।
जब तक रहेगी धरती,
मन्दिर अटल रहेगा,
सारे जगत में एक रंग,
भगवा ही भगवा दिखेगा,
करती रहेगी दुनिया,
भक्ति श्री राम की,
विश्व भर में बज रहा है,
डंका मेरे राम का,
आ गया है,
पल जिसका था इन्तजार,
इंतजार, आ गया है,
पल जिसका था इन्तजार।।
बन गया है अवध में राम दरबार,
आ गया है,
पल जिसका था इन्तजार,
इंतजार, आ गया है,
पल जिसका था इन्तजार।।
गायक – विनय शुक्ला।
7000091366