नवरात्रों की है,
शुभ घड़ी आई,
घर घर देखो माँ की,
ज्योत जगमगाई,
नवरात्रो की हैं,
शुभ घड़ी आई।।
लाल लाल चुनरी,
लाल लाल चोला,
मैया का रूप देखो,
कितना है भोला,
घूंघट में मेरी मैया,
कैसी मुसकाई,
नवरात्रो की हैं,
शुभ घड़ी आई।।
भवन सजाया मैंने,
आसन लगाया,
श्रद्धा से मैंने,
माँ को बुलाया,
दरस दिखाने,
मेरी मैया आई,
नवरात्रो की हैं,
शुभ घड़ी आई।।
जो भी तेरा,
नाम पुकारे,
भरती झोली,
भरती भंडारे,
‘लाडली’ की बारी,
मैया देर क्यों लगाई,
नवरात्रो की हैं,
शुभ घड़ी आई।।
नवरात्रों की है,
शुभ घड़ी आई,
घर घर देखो माँ की,
ज्योत जगमगाई,
नवरात्रो की हैं,
शुभ घड़ी आई।।
Singer – Tanya Ladli Bhardwaj
विशेष – इस भजन को ‘परदेसियों से ना अखियां’
तर्ज पर भी गाया जा सकता है।
जय माता दी।