आकड़ा अमृत होजा मेरा भाई,
अमृत होय गणो सुख पावे,
इण कलयुग रे माही वो,
आंकड़ा अमृत होजा मेरा भाई।।
चन्दन रुकड़ो उगो बाग में,
वास सुकंदा होई,
वणी चंदन री वणे पुतली,
मेले मंदर माही वो,
आंकड़ा अमृत होजा मेरा भाई।।
अरे उन चंदन री बने पेनईया,
सज बने गर माही,
वणी चन्दन ने गस पथर पे,
तिलक करे रगुराई वो,
आंकड़ा अमृत होजा मेरा भाई।।
आकड़ो चंदन के गणो आकरो,
रेन दिवस के माही,
वणी चन्दन की माला बणे वो,
पेरे गट के माही वो,
आंकड़ा अमृत होजा मेरा भाई।।
अरे ओछो आकड़ो करे कुछ माटी,
जेर भरयो रे वण माही,
केवे कबीर सुणो भाई साधो,
जेर पिया मर जासी वो,
आंकड़ा अमृत होजा मेरा भाई।।
आकड़ा अमृत होजा मेरा भाई,
अमृत होय गणो सुख पावे,
इण कलयुग रे माही वो,
आंकड़ा अमृत होजा मेरा भाई।।
गायक – भेरुपुरी जी गोस्वामी।
प्रेषक – शंभू कुमावत दौलतपुरा।
9981101560