बेकार की बातों में,
आया ना कीजिए,
जिसमे ना भक्ति रस हो,
गाया ना कीजिए,
बेकार की बातो में,
आया ना कीजिए।bd।
जो ना लगा सके तुम,
जीवन में कोई बाग,
तो आग भी जीवन में,
लगाया ना कीजिए,
जिसमे ना भक्ति रस हो,
गाया ना कीजिए,
बेकार की बातो में,
आया ना कीजिए।bd।
गर बांट सको जग का,
दुख बांटते चलो,
धोखे से किसी दिल को,
दुखाया ना कीजिए,
जिसमे ना भक्ति रस हो,
गाया ना कीजिए,
बेकार की बातो में,
आया ना कीजिए।bd।
प्रभु सामने हो तेरे,
दिखे नहीं तुझे,
माया में ऐसे मन को,
फसाया ना कीजिए,
जिसमे ना भक्ति रस हो,
गाया ना कीजिए,
बेकार की बातो में,
आया ना कीजिए।bd।
सत्कर्म नहीं अंदर,
दिखाता है किसलिए,
यूं फूंक से पर्वत को,
उड़ाया ना कीजिए,
जिसमे ना भक्ति रस हो,
गाया ना कीजिए,
बेकार की बातो में,
आया ना कीजिए।bd।
बेकार की बातों में,
आया ना कीजिए,
जिसमे ना भक्ति रस हो,
गाया ना कीजिए,
बेकार की बातो में,
आया ना कीजिए।bd।
Singer – Dhiraj Kant