बिराज्या ठाकुरजी महाराज,
बाड़िया का श्याम कहावे जी।।
ठाकुर जी बैठा बाड़िया के माई,
वो ठाकुरजी,
अरे तहसील रायपुर कहाई,
वो तहसील,
अरे यो भीलवाड़ा जिला के माई,
ठाकुर जी को धाम कहावे जी।।
अरे सूरज सनमुख मंदर माही,
वो सूरज,
ठाकुरजी का परचा है हद भारी,
वो ठाकुरजी का,
है मंदर मे काच जड़या है भारी,
दर्सन ने दुनिया आवे जी।।
अरे पूनम ने गणो आवे नर नारी,
वो पूनम ने,
दर्सन की भिड़ लगे हद भारी,
वो दर्सन की,
चौक मे नाच रया नर नारी,
लाखा की भेट चढ़ावे जी।।
अरे ठाकुर जी गावा गावा मे जावे,
वो ठाकुरजी,
रथ मे बैठ पामणा जावे,
वो रथ मे,
बंदौली मे नाचे गुलाल उडावे,
ठाकुर का चवर ढुलावे जी।।
जो बाड़िया श्यामधणी ने ध्यावे,
वो बढ़िया,
ठाकुरजी बेडा पार लगावे,
वो ठाकुर जी,
अरे छपन भोग जो भोग लगावे,
भगत प्रसाद चढ़ावे जी।।
अरे दास जगदीश भजन सुनावे,
वो दास जगदीश,
थारे चरणा माही गावे वो,
ठाकुरजी का,
कुमावत शम्भू सरणा आवे,
ठाकुरजी का लाड लड़ावे जी।।
बिराज्या ठाकुरजी महाराज,
बाड़िया का श्याम कहावे जी।।
गायक – नरेश प्रजापत जी।
प्रेषक – शंभू कुमावत दौलतपुरा।
9981101560