जय भेरू जय भेरू बोलो,
जय भेरू जय भेरू,
डम डम डम डम डमरू बाजे,
बाजे है घुँघरिया,
हो भेरू देव की नगरिया,
बाज रहिया,
भेरू दादा रा घुँघरिया,
बाज रहिया,
भेरू देव की नगरियाँ,
भक्ति का रंग ऐसा छाया,
नाचे मन बावरियाँ,
हो भेरू देव की नगरियाँ,
बाज रहिया,
भेरू दादा रा घुँघरिया,
बाज रहिया,
डमरू वाले की नगरियाँ।।
तर्ज – आन मिलो सजना।
धुन डमरू की जब जब भी बाजे,
दादुर मोर पपीहा भी नाचे,
ऐसा डमरू बजाया भेरव देव ने,
नाद डमरू पहाड़ो में गाजे,
हो..हो भैरव देवा,
डमरू बाजे भक्त ये नाचे,
नाकोड़ा नगरियाँ,
हो भेरू देव की नगरियाँ,
बाज रहिया,
भेरू दादा रा घुँघरिया,
बाज रहिया,
डमरू वाले की नगरियाँ।।
धुन डमरू की देवो को लुभाये,
स्वर्ग छोड़ धरती पे वो आये,
पुष्प बरसाये दसो दिशायें,
स्वागत करती है आज फिजायें,
हो…हो भैरव देवा,
भैरव देव ही देखु मैं तो,
जाये जीत नजरियां,
हो भेरू देव की नगरियाँ,
बाज रहिया,
भेरू दादा रा घुँघरिया,
बाज रहिया,
डमरू वाले की नगरियाँ।।
डमरू वाले का दीवाना संसार है,
बैठा नाकोड़ा में करता चमत्कार है,
धन्य हुआ ये टुकलिया परिवार है,
दिलबर प्रवीण को मिला दरबार है,
हो…हो भैरव देवा,
उषा के स्वरों में बहता,
भक्ति का ये दरिया,
हो भेरू देव की नगरियाँ,
बाज रहिया,
भेरू दादा रा घुँघरिया,
बाज रहिया,
डमरू वाले की नगरियाँ।।
जय भेरू जय भेरू बोलो,
जय भेरू जय भेरू,
डम डम डम डम डमरू बाजे,
बाजे है घुँघरिया,
हो भेरू देव की नगरियाँ,
बाज रहिया,
भेरू दादा रा घुँघरिया,
बाज रहिया,
भेरू देव की नगरिया,
भक्ति का रंग ऐसा छाया,
नाचे मन बावरियाँ,
हो भेरू देव की नगरियाँ,
बाज रहिया,
भेरू दादा रा घुँघरिया,
बाज रहिया,
डमरू वाले की नगरियाँ।।
गायिका – उषा जैन जयपुर।
रचनाकार – दिलीप सिंह सिसोदिया ‘दिलबर’।
नागदा जक्शन म.प्र. 9907023365