याद रह रह के आती बड़ी,
बरसाने की एक एक गली,
ईत देखूं तो बांके बिहारी,
उत देखूं तो लाडो खड़ी।।
तर्ज – जिंदगी की ना टूटे लड़ी।
जब जहां भी जिधर भी गए,
एक अद्भुत नजारा मिला,
हर गली के हर एक मोड़ पर,
मेरी श्री जी का प्यारा मिला,
कैसी मस्ती भरी जिंदगी,
बरसाने की एक एक गली,
याद रह रह के आती बडी,
बरसाने की एक एक गली।।
गीत बिरहा के गाए कोई,
कोई भक्ति के रस को पिए,
कोई गुमसुम सा बैठा हुआ,
राधा रानी का चित्र लिए,
तौबा तौबा ये दिल की लगी,
बरसाने की एक एक गली,
याद रह रह के आती बडी,
बरसाने की एक एक गली।।
आज तक भी वो दरबार का,
द्वार खुलना मैं भूला नहीं,
मंगल बेला में मंगल के दिन,
पहला दर्शन मैं भूला नहीं,
शांत नैनों में है वो छवि,
बरसाने की एक एक गली,
याद रह रह के आती बडी,
बरसाने की एक एक गली।।
याद रह रह के आती बड़ी,
बरसाने की एक एक गली,
ईत देखूं तो बांके बिहारी,
उत देखूं तो लाडो खड़ी।।
स्वर – श्री चित्र विचित्र जी महाराज।