जाग सखी उठ जाग है,
तेरे सतगुरु आए,
हे सतगुरु आऐ,
तेरे साहब आऐ है।।
हे व्रत करें तन पूर्णमासी,
काहे मारी तू भूखी प्यासी,
अंदर ना लगया वैराग है,
तेरे सतगुरु आऐ।।
है गंगा जमुना मलमल न्हाई,
हे तने चमडी की करी सफाई,
हे धोया ना दिल का दाग है,
तेरे सतगुरु आऐ।।
दो दिन का तेरा दर्शन मेला,
हे उड़ जाएगा तेरा हंस अकेला,
उजड़ जाएगा तेरा बाग है,
तेरे सतगुरु आऐ।।
शरण मछंदर जती गोरख बोले,
मिलक गुरु जी त आनंद होले,
हे मिल जागा अटल सुहाग है,
तेरे सतगुरु आऐ।।
जाग सखी उठ जाग है,
तेरे सतगुरु आए,
हे सतगुरु आऐ,
तेरे साहब आऐ है।।
Singer – Deepak Lakha
9992447893