हार कर सांवरे जग से,
मैं खाटू धाम आया हूँ,
बंदिशें इस ज़माने की,
मैं सारी तोड़ आया हूँ।।
ये झूठा है जहाँ सारा,
यहाँ मतलब के सब रिश्ते,
इसी मतलब की दुनिया से,
मैं रिश्ता तोड़ आया हूँ।।
तू हारे का सहारा है,
जहाँ सारा ये कहता है,
जो जग से हार कर आते,
तू उनके संग रहता है।।
अमर तेरी कहानी है,
ऐ बाबा शीश के दानी,
तेरी गाथा को सुनकर ही,
तेरे दरबार आया हूँ।।
जल्दी से आजा सांवरिया,
ये दिल घबरा रहा मेरा,
मुझे बस इस ज़माने में,
सहारा एक है तेरा।।
भटक कर ‘अश्वनी’ दर दर,
तेरी चौखट पर आया है,
मुझे तू ही सम्भालेगा,
यही विश्वास लाया हूँ।।
हार कर सांवरे जग से,
मैं खाटू धाम आया हूँ,
बंदिशें इस ज़माने की,
मैं सारी तोड़ आया हूँ।।
Singer – Ashvani Rastogi
7060005471