मिसरी ते मीठा नाम रटो रे,
इस दादा खेड़े का।।
मनु पिता और सतरूपा मां,
लाड लडावै सै,
भला करण की खातिर,
लिया अवतार बतावै सै,
सुन नगरी के सरताज,
भला कर अपने बेङे का,
मिसरी त मीठा नाम रटो र,
इस दादा खेड़े का।।
दादा भैया देव भूमिया,
बटुक रूप बलवान हो,
हाथ लठोरी धोला बाणा,
शांति का प्रमाण हो,
तेरा गंगाजल का करमंडल,
करै नाश बखेड़े का,
मिसरी त मीठा नाम रटो र,
इस दादा खेड़े का।।
तीज त्यौहार और पुर्णमासी,
कोई धोकै सै इतवार न,
ब्राह्मण कन्या संत बैठा,
कोई जिमा देवै परिवार न,
तेरा गुड़ शक्कर का भोग,
ना लालच बर्फी पेङे का,
मिसरी त मीठा नाम रटो र,
इस दादा खेड़े का।।
आए गए अतिथि का जो,
हरदम करते मान हो,
उनतै खेड़ा प्रसन्न हो करै,
मूर्ख न विद्वान हो,
करै जागेराम गुणगान,
मेरे इस दादा खेड़े का,
मिसरी त मीठा नाम रटो र,
इस दादा खेड़े का।।
मिसरी ते मीठा नाम रटो रे,
इस दादा खेड़े का।।
गायक – जागेराम शास्त्री।
9518808688