तीन लोक में चर्चा हो री,
शिव शंकर के नाम की,
रोज रटो रे बम भोले ने,
बात बड़ी है काम की।।
कालकूट का विष बाबा ने,
अपने गल में उतार दिया,
जब जब पाप बढ़ा धरती पे,
शंकर ने उद्धार किया,
नीलकंठ यो बन गया बाबा,
काटे कष्ट तमाम जी,
रोज रट्टो बम बम भोले ने,
बात बड़ी है काम की।।
गौरा मां से ब्याह रचाया,
जग में लीला भारी है,
इनकी सेवा में जुटे हुए,
नन्दी जी की अस्वारी है,
कैलास पूरी मे बसे मेरे बाबा,
महिमा पवित्र धाम की,
रोज रट्टो बम बम भोले ने,
बात बड़ी है काम की।।
विश्वनाथ रूप काशी के म्ह,
बाबा अंतर्ध्यान हुए,
परशुराम भगत है न्यारे,
रावण से विद्वान हुए,
शनि देव की ड्यूटी लादी,
बात सही पैगाम की,
रोज रट्टो बम बम भोले ने,
बात बड़ी है काम की।।
हरिद्वार मे गंगा बहती,
हो ज्या पवित्र स्नान ते,
हो ज्या कृपा भोले नाथ की,
रट ले सच्चे ध्यान ते,
भीम शर्मा करे कविताई,
कलम या पेटवाड गाम की,
रोज रट्टो बम बम भोले ने,
बात बड़ी है काम की।।
तीन लोक में चर्चा हो री,
शिव शंकर के नाम की,
रोज रटो रे बम भोले ने,
बात बड़ी है काम की।।
Singer – Shiksha Chhattar
Writer – Bhim Sharma Petwar
8053943823