मात पिता के चरणों सा,
यो दुनिया में कोई धाम नहीं,
गौ ब्राह्मण साधू की सेवा,
जाती कदे बेकाम नहीं।।
मात पिता की करके सेवा,
जग में नाम कमा ले ने,
इनकी दुआ तू संग में करके,
हर मंजिल ने पा ले ने,
करले सेवा मिल ज्या मेवा,
बेईमानी का काम नहीं,
गौ ब्राह्मण साधू की सेवा,
जाती कदे बेकाम नहीं।।
नौ महीने तक माँ तेरी या,
तेरा बोझ उठाती हो,
खुद आले में सो ज्या से,
या तने सूखे में सुवाती हो,
इन ते प्यार तू कर ले मूर्ख,
जन्नत जैसा धाम यही,
गौ ब्राह्मण साधू की सेवा,
जाती कदे बेकाम नहीं।।
हाथ जोड़ के कह रा सु,
थाम चाचे ताऊ भाईयां ने,
गौ ब्राह्मण मात पिता का,
कदे भी दिल ना दुखाइयो रे,
सेवा करके पार उतरजा,
करता क्यों प्रणाम नहीं,
गौ ब्राह्मण साधू की सेवा,
जाती कदे बेकाम नहीं।।
भीम शर्मा पेटवाड आला,
सच्ची बात बतावे से,
मात पिता की करके सेवा,
अपना फर्ज निभावे से,
गऊँआ खातिर कलम चलावे,
इसका तो से काम यही,
गौ ब्राह्मण साधू की सेवा,
जाती कदे बेकाम नहीं।।
मात पिता के चरणों सा,
यो दुनिया में कोई धाम नहीं,
गौ ब्राह्मण साधू की सेवा,
जाती कदे बेकाम नहीं।।
Singer – Ghanshyam Kaushik
Writer – Bhim Sharma Petwar
8053943823