हे जगदम्बा जगत माँ काली,
प्रथम प्रणाम करई छी हे,
प्रथम प्रणाम करई छी हे मैया,
प्रथम प्रणाम करई छी हे।।
सुनलऊ कतेक अधम के मइय़ा,
मनवांछित फ़ल दई छी हे,
सुत संग्राम चरण सेवक के,
जनम क्लेश हरई छी हे।।
सोना चांदी महल अटारी,
सबटा व्यर्थ बुझई छी हे,
एक अहि के प्रेम चाहई छी,
प्रान प्रदान करई छी हे।।
दुख के हाल की कहु हे मईया,
आशा ले जिवै छी हे,
हमरा देखि क आख मुनइ छी,
पापी जानि डरई छी हे।।
जग स प्रेमी पावि निराशा,
नयना नीर बहवई छी हे,
नोर बटोरि आहां लय मैया,
मोती हार गथई छी हे।।
हे जगदम्बा जगत माँ काली,
प्रथम प्रणाम करई छी हे,
प्रथम प्रणाम करई छी हे मैया,
प्रथम प्रणाम करई छी हे।।
Singer – Mahima Jha
Upload By – Suchita Jha