तेरे आये री भगत दरबार में,
माँ मनसा भवन के पट खोलिये,
मां मनसा भवन के पट खोलिए।।
तर्ज – इस बजरंगी के प्यार में।
शक्तिपीठ दरबार निराला,
बन्द किस्मत का खोलदे ताला,
खड़े लाड़ले री लम्बी कतार में,
मां मनसा भवन के पट खोलिए।।
छठे महीने मेला भरै माँ,
छठ सातम नै धोक लागै माँ,
तेरी धूम मची संसार में,
मां मनसा भवन के पट खोलिए।।
भगत देख रहे बाट तुम्हारी,
कद दिखै माँ मनसा प्यारी,
सारे खड़े तेरे इंतज़ार में,
मां मनसा भवन के पट खोलिए।।
प्रिंस जैन कै लगन तेरी लगी,
शुभम रिठालिया के मन तू भागी,
दोनों लगे तेरे प्रचार में,
मां मनसा भवन के पट खोलिए।।
तेरे आये री भगत दरबार में,
माँ मनसा भवन के पट खोलिये,
मां मनसा भवन के पट खोलिए।।
गायक – शुभम रिठालिया।
7840820050