बेटे का सम्मान है जग में,
बेटी का कोई मान नहीं,
दुनिया वालो मुझे बता दो,
बेटी क्या संतान नहीं।।
तर्ज – भला किसी का कर ना।
बेटा क्या यहाँ लेकर आया,
बेटी क्या नहीं लायी है,
बिन बेटी के दुनिया वालो,
सुनी पड़ी कलाई है,
बेटा क्या यहाँ लेकर आया,
बेटी क्या नहीं लायी है,
बिन बेटी के दुनिया वालो,
सुनी पड़ी कलाई है,
रक्षा बंधन भैया दूज का,
बिलकुल तुमको ध्यान नहीं,
दुनिया वालो मुझे बता दो,
बेटी क्या संतान नहीं।।
बेटा तारे एक ही कुल को,
बेटी तीन को तारती है,
मात पिता नाना नानी के,
सपनो को ये संवारती है,
बेटा तारे एक ही कुल को,
बेटी तीन को तारती है,
मात पिता नाना नानी के,
सपनो को ये संवारती है,
बिन बेटी के दुनिया वालों,
होता कन्यादान नहीं,
दुनिया वालो मुझे बता दो,
बेटी क्या संतान नहीं।।
बेटा साथ ये छोड़ भी देगा,
बेटी साथ ना छोड़ेगी,
छोड़ेगी वो जिस दिन नाता,
दो रिश्तो को तोड़ेगी,
बेटा साथ ये छोड़ भी देगा,
बेटी साथ ना छोड़ेगी,
छोड़ेगी वो जिस दिन नाता,
दो रिश्तो को तोड़ेगी,
बेटी को ठुकराने वाला,
वो इंसा इंसान नहीं,
दुनिया वालो मुझे बता दो,
बेटी क्या संतान नहीं।।
बेटे का सम्मान है जग में,
बेटी का कोई मान नहीं,
दुनिया वालो मुझे बता दो,
बेटी क्या संतान नहीं।।