नाकोड़ा भैरव मेरे,
खाली न जाऊँगी दादा तेरे दर से,
लेकर उम्मीदे आई हूँ में घर से,
छोडूँगी ना तोरी दुवरिया,
भैरव करो मेहर की नजरिया,
दादा करो महर की नजरिया,
भैरव मेरी ले लो ना खबरिया,
दादा करो महर की नजरिया।।
तर्ज – फेरो ना नज़र से नजरियां।
बांटी खुशिया थी बदले में,
मिला मुझको गम गम,
अपने हुए सब पराये आंखे,
हुई मेरी नम नम,
हाले दिल अपना तुमको,
सुनायेंगे हम हम,
सारी उमरियाँ सारी उमरियाँ,
करूँ में भक्ति सारी उमरियाँ,
तोरी दुवरिया सारी उमरियाँ,
भैरव करों महर की नजरिया,
दादा करो महर की नजरिया,
भैरव मेरी ले लो ना खबरिया,
दादा करो महर की नजरिया,
नाकोड़ा में निकले ये दम,
साथ रहे भैरव जन्मो जनम।।
नाकोड़ा भैरव मेरे,
खाली न जाऊँगी दादा तेरे दर से,
लेकर उम्मीदे आई हूँ में घर से,
छोडूँगी ना तोरी दुवरिया,
भैरव करो मेहर की नजरिया,
दादा करो महर की नजरिया,
भैरव मेरी ले लो ना खबरिया,
दादा करो महर की नजरिया।।
गायिका – उषा जैन जयपुर।
रचनाकार – दिलीप सिंह सिसोदिया ‘दिलबर’।
नागदा जक्शन म.प्र. 9907023365