फागुन का महीना,
रंगों में रंगे हाथ।
दोहा – आयो फागुन आयो,
मेरे श्याम का मन हर्षायो,
श्याम तुम्हारे भक्त तेरे दर,
होली खेलन आयो।
फागुन का महीना,
रंगों में रंगे हाथ,
होली खेलेंगे हम,
सांवरिया तेरे साथ,
होली खेलेंगे हम,
सांवरिया तेरे साथ।।
तर्ज – सावन का महीना।
दूर से आया बाबा,
मैं तेरे द्वारे,
द्वार तुम्हारे देखूं,
होली के नजारे,
रंग-बिरंगी लड़ियां,
है रंगों की सौगात,
होली खेलेंगे हम,
सांवरिया तेरे साथ।।
रंग गुलाल उड़े,
उड़े तेरे द्वारे,
बैठे हो कहां आओ,
हारे के सहारे,
दर्श दिखाओ हमको,
हमारे दीनानाथ,
होली खेलेंगे हम,
सांवरिया तेरे साथ।।
झूम झूम सारे प्रेमी,
आपको रिझाएं,
‘आनन्द’ भी नाचे और,
सभी को नचाये,
हम क्या नाचे बाबा,
हमारी क्या औकात,
होली खेलेंगे हम,
सांवरिया तेरे साथ।।
फागुण का महीना,
रंगों में रंगे हाथ,
होली खेलेंगे हम,
सांवरिया तेरे साथ,
होली खेलेंगे हम,
सांवरिया तेरे साथ।।
लेखक / गायक – आनन्द साँवरिया।
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