तेरे बगैर सांवरे,
मेरा कोई नहीं,
तू भी जो आंख फेर ले,
क्या फिर वो जिंदगी,
तेरे बगेर साँवरे,
मेरा कोई नहीं।।
तर्ज – मिलती है जिंदगी में।
मंजिल ना कोई मिल रही,
ना ही रास्ता,
आ जाओ दीनानाथ है,
दीनो का वास्ता,
तेरा द्वार सांवरे मेरी,
उम्मीद आखिरी,
तेरे बगेर साँवरे,
मेरा कोई नहीं।।
तुझसे छुपी नहीं मेरी,
जीवन की दास्ताँ,
कही हार जाए ना तेरा,
सेवक उड़ीकता,
नज़रे महर की करदो ना,
हम पर भी तो कभी,
तेरे बगेर साँवरे,
मेरा कोई नहीं।।
सुन के पुकारे दास की,
श्री श्याम आ गए,
मुश्किल को कामयाबी की,
चाबी बता गए,
‘गोलू’ जो है तपा नहीं,
चमका वो फिर नहीं,
तेरे बगेर साँवरे,
मेरा कोई नहीं।।
तेरे बगैर सांवरे,
मेरा कोई नहीं,
तू भी जो आंख फेर ले,
क्या फिर वो जिंदगी,
तेरे बगेर साँवरे,
मेरा कोई नहीं।।
गायक – निखिल अग्रवाल (भिवानी)
9518181045
लेखक – नितेश शर्मा (गोलू)