शेर पे सवार है,
मैया आने को तैयार है,
कोई दिल से,
बुलाने वाला चाहिए।।
तर्ज – गोरी है कलाइयां।
यूं तो बुलाने वाले,
लाखों है कतार में,
उनके ही घर ये जाती,
जो पागल है प्यार में,
करती ये प्यार है,
और चाहती भी प्यार है,
कोई दिल से,
निभाने वाला चाहिए।।
जितनी लगन है हमको,
मैया को बुलाने की,
उससे से भी ज्यादा इच्छा,
है खुद माँ की आने की,
बड़ी बेकरार है,
ये तो करे इंतजार है,
कोई दिल में,
बिठाने वाला चाहिए।।
पलके बिछाए खड़े है,
हम तेरे प्यार में,
एक बर तो आजा मैया,
मेरे परिवार में,
मूड़ के न जाओगी,
तुम यहीं रह जाओगी,
कोई ‘अम्बरीष’,
बहाना ना बनाइये,
मेरे ही घर में रह जाइये,
भगतों के घर में रह जाइये।।
शेर पे सवार है,
मैया आने को तैयार है,
कोई दिल से,
बुलाने वाला चाहिए।।
Singer / Lyrics – Ambrish Kumar
Mumbai, 9327754497