तेरी दया से श्याम,
मेरा सजने लगा संसार।।
श्लोक – दिल की लगी में,
और दिल्लगी में ,
फर्क बड़ा है भारी।
दुनियाँ वाले क्या समझें,
उसे समझें श्याम मुरारी।।
तर्ज : दर्पण को देखा।
तेरी दया से श्याम,
मेरा सजने लगा संसार,
मिलती है खुशियाँ मुझको-2,
मिलता है जो तेरा प्यार-2,
तेरी दया से श्याम,
मेरा सजने लगा संसार।।
तूने अपने दीवानो की,
दुनिया श्याम सजाई है,
मेरा दिल ना नरसी मेहता,
ना ही मीरा बाई है,
फिर भी मुझको मनमोहन-2,
तुम रखते अपने द्वार-2,
तेरी दया सें श्याम,
मेरा सजने लगा संसार।।
जब-जब तुमको याद किया था,
तब-तब मोहन आये हो,
कुछ भी पास नहीं था मेरे,
फिर भी तुम अपनाये हो,
जीवन की धारा बदल दी-2,
जैसे गंगा की धार-2,
तेरी दया सें श्याम,
मेरा सजने लगा संसार।।
‘ओम’ प्रेम को नजर लगे ना,
बस इतना ही ध्यान रहे,
इसी तरह मेरे मन मोहन,
सब भक्तों का मान रहे,
जिसने समझा है तुमको-2,
वो बना गले का हार-2,
तेरी दया सें श्याम,
मेरा सजने लगा संसार।।
तेरी दया से श्याम,
मेरा सजने लगा संसार,
मिलती है खुशियाँ मुझको-2,
मिलता है जो तेरा प्यार-2,
तेरी दया से श्याम,
मेरा सजने लगा संसार।।
Singer – Shri Om Goenka,
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Bhajan Submited By – Anant Goenka