रूप धरे विकराल ओ मैया,
रूप धरें विकराल,
जिनके आगे दानव भागे,
आ जाए भूचाल,
रूप धरें विकराल ओ मईया,
रूप बड़ा विकराल।।
खड़ग त्रिशूल को लेकर,
मन में क्रोध भयंकर,
समर मे ऐसी गरजे,
दानव कापे थर थर,
पाप मिटाए जगत बचाए,
दुनिया हुई खुशहाल,
रूप धरें विकराल ओ मईया,
रूप बड़ा विकराल।।
रूप भयानक काला,
पहने मुंड की माला,
छोड़े मैया ज्वाला,
पिये लहू का प्याला,
शक्तिशाली ममता वाली,
संकट देती टाल,
रूप धरें विकराल ओ मईया,
रूप बड़ा विकराल।।
दानव दल को मिटाने,
चली है मैया ठाने,
लगी कटार चलाने,
दुष्ट लगे घबराने,
करो ‘निरंजन’ माँ का वंदन,
मैया बड़ी दयाल,
रूप धरें विकराल ओ मईया,
रूप बड़ा विकराल।।
रूप धरे विकराल ओ मैया,
रूप धरें विकराल,
जिनके आगे दानव भागे,
आ जाए भूचाल,
रूप धरें विकराल ओ मईया,
रूप बड़ा विकराल।।
Singer / Upload – Uday Lucky Soni
( 9131843199 )
Lyrics – Niranjan Sen Ji