श्री बाबोसा मेरे है,
दोहा – श्री राम प्रिय हनुमान है,
हनुमान प्रिय बाबोसा,
बाबोसा प्रिय बाईसा है,
जो भक्त प्रिय है हमेशा।।
श्री बाबोसा मेरे है,
मेरी प्रीत पुरानी,
बाईसा ये मेरी है,
मैं इनकी दीवानी।।
अर्जी लगाई मैंने बाईसा से,
जुड़ा तार मेरा बाबोसा से,
की नही देरी है, देरी है,
बात बाईसा ने मानी।।
बदल गई मेरी किस्मत की रेखा,
इनकी कृपा का अंदाज है अनोखा,
बन गई मेरी है, मेरी है,
एक अमिट कहानी।।
श्री बाबोसा का रूप है बाईसा,
“दिलबर” भक्तो से सुना है हमेशा,
हो श्रेया कहे मेरी है,
रोशन ये जिन्दगानी।।
गायिका – श्रेया रांका भीलवाड़ा।
रचनाकार – दिलीप सिंह सिसोदिया ‘दिलबर’।
नागदा जक्शन म.प्र. 9907023365