धीन घडी ओ रमापति,
मेरी बिगड़ी बनादो रे,
जग के हो तारणहार रे,
तेरे द्वार पे प्रभु आगया,
मेरी मन की मुरादे पा गया,
मेरी बिगड़ी बना दो रे।।
राम नाम प्रभु एक सत्य है,
मोह माया ये जीवन झूठ है,
मेरा अंत समय जिव्हा पे,
ये नाम अवादो रे,
धीन घड़ी ओ रमा पति,
मेरी बिगड़ी बनादो रे।।
क्या ले आया क्यों रोता है,
कर्म बंधन में फिर पड़ता है,
जीव का आना जाना दुःख है,
प्रभु ये मिटा दो रे,
धीन घड़ी ओ रमा पति,
मेरी बिगड़ी बनादो रे।।
कलयुग केवल नाम आधारा,
सुमर सुमर नर उतरो हे पारा,
इस जीवन में मेरा,
उद्धार करा दो रे,
धीन घड़ी ओ रमा पति,
मेरी बिगड़ी बनादो रे।।
राम नाम तुलसी ने लीना,
अमर नाम राम ने किना,
धरम भजन करता हे प्रभु,
शरण बुला दो रे,
धीन घड़ी ओ रमा पति,
मेरी बिगड़ी बनादो रे।।
धीन घडी ओ रमापति,
मेरी बिगड़ी बनादो रे,
जग के हो तारणहार रे,
तेरे द्वार पे प्रभु आगया,
मेरी मन की मुरादे पा गया,
मेरी बिगड़ी बना दो रे।।
लेखक और गायक – धर्मेंद्र तंवर।
9829202569