अम्बे भवानी तेरी आरती गाऊं,
शिव पटरानी तेरी आरती गाऊं,
आरती गाऊं मैया आपको मनाऊं,
अंबे भवानी तेरी आरती गाऊं,
शिव पटरानी तेरी आरती गाऊं।।
तर्ज – परदेसियों से।
शीश मुकुट मैय्या अद्भुत सोहे -२,
लाल चुनर सबके मन मोहे -२,
देख छवि माँ बलि बलि जाऊं,
अंबे भवानी तेरी आरती गाऊं,
शिव पटरानी तेरी आरती गाऊं।।
चरणों की तेरी छवि निराली -२,
चरणों पे जाए मैया ये दुनिया वारी -२,
उन चरणों पे मैं शीश नवाऊं,
अंबे भवानी तेरी आरती गाऊं,
शिव पटरानी तेरी आरती गाऊं।।
ध्यानूं भगत ने तुमको पुकारा -२,
कटा हुआ शीश तेरे चरणों पे वारा -२,
घोड़े का शीश तूने पल में लगाया,
अंबे भवानी तेरी आरती गाऊं,
शिव पटरानी तेरी आरती गाऊं।।
मैय्या अनाथ की नाथ आप हो -२,
जीवन धन मेरी प्राण आप हो -२,
चरण कमल पे मैं बलि-बलि जाऊं,
अंबे भवानी तेरी आरती गाऊं,
शिव पटरानी तेरी आरती गाऊं।।
पीर हरो हम सबकी ओ माता -२,
सारा जगत तेरा ध्यान लगाता -२,
आज तुम्हें मैं दिल से बुलाऊं,
अंबे भवानी तेरी आरती गाऊं,
शिव पटरानी तेरी आरती गाऊं।।
कहत गिरीश हे जग-कल्याणी -२,
कृपा करो हे आदिभवानी -२,
भक्तों की पीर मैं तुमको सुनाऊं,
अंबे भवानी तेरी आरती गाऊं,
शिव पटरानी तेरी आरती गाऊं।।
अम्बे भवानी तेरी आरती गाऊं,
शिव पटरानी तेरी आरती गाऊं,
आरती गाऊं मैया आपको मनाऊं,
अंबे भवानी तेरी आरती गाऊं,
शिव पटरानी तेरी आरती गाऊं।।
लेखक एवं गायक – पं गिरीश पाण्डेय।
9926708863