म्हारी मौज बणावण आला तू,
तंगी नै मिटावण आला तू,
तेरी जग में जय जयकार पित्र जी,
तनै बणा दिऐ साहूकार पित्र जी।।
कोठी बंगले मोटर गाड्डी,
सब तेरी ह माया,
सब कुछ मिलगया दादा पित्र,
तेरी शरण जब आया,
महारी चिन्ता मीटावण आला तू,
सतमार्ग प लयावण आला तु,
महारी बिगडी देई सुधार पित्र जी,
तनै बणा दिऐ साहूकार पित्र जी।।
गाम नगर म ईज्जत दादा,
तेरी दया त होरी,
सारी साची बात बताऊं,
नही मनै कोई चोरी,
सही रसता दिखावण आला तू,
महारी गाड्डी का गढवाला तु,
तेरा खूभ करुं सतकार पित्र जी,
तनै बणा दिऐ साहूकार पित्र जी।।
दादा पित्र माया थारी,
नही समझ कोई पाया,
सुशील भगत न तेरे नाम का,
दादा यज्ञन रचाया,
लक्की और गावण आला तु,
लेरया स हर की माला तु,
तेरा खुभ करुं प्रचार पित्र जी,
तनै बणा दिऐ साहूकार पित्र जी।।
म्हारी मौज बणावण आला तू,
तंगी नै मिटावण आला तू,
तेरी जग में जय जयकार पित्र जी,
तनै बणा दिऐ साहूकार पित्र जी।।
गायक / लेखक – लक्की पिचौलिया।
प्रेषक – गजेन्द्र स्वामी।
9996800660