कालका करया तेरा विशवास,
अखण्ड तेरी जोत जगादी माँ।।
घटण दिए ना मान मेरा री,
आण करो समाधान मेरा री,
मेरी ना टूटण देईए आश,
अखण्ड तेरी जोत जगादी माँ।।
लाए पतास्से अंगारी प,
आण चढो संकट बैरी पै,
दे दिया काला तेरा लिबास,
अखण्ड तेरी जोत जगादी माँ।।
पकड़ रोग न जड़ त काटदे,
दूखीया के बहते आँसू डाटदे,
शरण म होण दिए ना निराश,
अखण्ड तेरी जोत जगादी माँ।।
गजेन्द्र स्वामी न नही तू फेट्टी,
तप कर रही तेरी रेखा बेटी,
सहर लुधियाना रामनगर खास,
अखण्ड तेरी जोत जगादी माँ।।
कालका करया तेरा विशवास,
अखण्ड तेरी जोत जगादी माँ।।
गायक – लक्की पिचौलिया।
लेखक – गजेन्द्र स्वामी कुड़लण।
9996800660