आव आव अजमल जी रा लाला,
भक्त बुलावे रे,
ओ बाबा थाने भक्त बुलावे रे,
बाबा बेगो आव।।
और सगा रो छोड़ आसरो,
थारो लियो सहारो जी,
भक्ता ने तो प्यारो लागे,
थारो द्वारों जी,
बाबा बेगो आव।।
रामधणी मरुधर का राजा,
पचरंग नेजाधारी जी,
हैलो सम्भालो अब के आई,
म्हारी बारी जी,
बाबा बेगो आव।।
भेज दियो थाने स्नेह निमंत्रण,
सारे साथ पधारो जी,
लालो गोपालो शरण पड्यो है,
भव से तारो जी,
बाबा बेगो आव।।
आव आव अजमल जी रा लाला,
भक्त बुलावे रे,
ओ बाबा थाने भक्त बुलावे रे,
बाबा बेगो आव।।
गायक – श्री गोपाल जी बजाज परीक्षित।
Upload – Mayank Kamra
7340299028