काटो रोग माँ काली आ दरबार में,
खींची चली आ ईन भगतां के प्यार में।।
याद करै तेरे दुखीया बच्चे,
आण खोलदे सबके पर्चे,
आण खोलदे सबके पर्चे,
गुंजणदे आसमान तेरी किलकार में,
खींची चली आ ईन भगतां के प्यार में।।
हाथ जोड कै अर्ज तेरे तै,
होरी स माई गर्ज तेरे तै,
होरी स माई गर्ज तेरे त,
आण पडे तेरी शरण तेरे एतबार म,
खींची चली आ ईन भगतां के प्यार में।।
चण्ड मूण्ड न मारण आली,
भार धरा का तारण आली,
भार धरा का तारण आली,
गुँजै जय जय कार तेरी संसार म,
खींची चली आ ईन भगतां के प्यार में।।
रेखा भगतणी दासी तेरी,
आजया अँखियाँ पयासी मेरी,
आजया अँखियाँ प्यासी मेरी,
लक्की गजेन्द्र लाग्गे तेरे प्रचार म,
खींची चली आ ईन भगतां के प्यार में।।
काटो रोग माँ काली आ दरबार में,
खींची चली आ ईन भगतां के प्यार में।।
गायक – लक्की पिचौलिया।
9034283904
लेखक – गजेन्द्र स्वामी कुड़लणीया।
9996800660