कांतिसुरी जी रा लाडला,
श्री जिन मनोज्ञ सूरी गुरुराज,
थाने घणी खम्मा।।
नन्दनी खुंदनी में जन्म लियो है,
छाजेड़ गोत्र उजवाल कियो है,
मिश्रीमल है सांसारिक नाम,
थाने घणी खम्मा।।
देमी देवी रा नंदन प्यारा,
प्रताप सागर जी रा राज दुलारा,
लियो बालपने में संयम धार,
थाने घणी खम्मा।।
आचार्य पद पर शोभता रे,
सूर्य समान जग में दीपता रे,
म्हारा गुरूवर पालनहार,
थाने घणी खम्मा।।
जैन अजेंन रा लाडला गुरूवर,
परम उपकारी भक्तो रा ‘दिलबर’,
मुनि नयज्ञ रा आधार,
थाने घणी खम्मा।।
कांतिसुरी जी रा लाडला,
श्री जिन मनोज्ञ सूरी गुरुराज,
थाने घणी खम्मा।।
गायक / लेखक – दिलीप सिंह सिसोदिया ‘दिलबर’।
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