बाबा तेरी नगरी निराली,
जो जाते मनाते है दिवाली,
दर से कोई लौटा ना खाली,
जो जाते मनाते है दिवाली।।
रिंगस से खाटू को पैदल है जाते,
रस्ते में श्याम श्याम के गुण है गाते,
लाइन से जाके है नज़रे मिलाते,
एक पल में अपनी सुधबुध बिसराते,
कृपा की नज़र जिसपे डाली,
जो जाते मनाते है दिवाली।।
तीनबाण धारी है लीले सवारी,
हारे का साथी ये कृष्ण मुरारी,
जादू चला कर के अपना बनाए,
बिन मांगे भक्तों की झोली भर जाए,
करता है ये सबकी रखवाली,
जो जाते मनाते है दिवाली।।
चौखट पे आके मैं शीश झुकाती,
भजन सुनाकर के तुझको रिझाती,
राधा को अपने दर पे बुलालो,
असुवन की धारा मैं भेंट चढाती,
सबने अपनी बिगड़ी बनाली,
जो जाते मनाते है दिवाली।।
बाबा तेरी नगरी निराली,
जो जाते मनाते है दिवाली,
दर से कोई लौटा ना खाली,
जो जाते मनाते है दिवाली।।
Singer & Writer – Radha Chaudhary