क्या तुम्हें पता है ऐ अर्जुन,
ये द्वापर जाने वाला है,
अन्याय और पापों से भरा,
अब कलयुग आने वाला है।।
तर्ज – क्या तुम्हे पता है ऐ गुलशन।
ना पिता पुत्र की कदर करे,
भईया मरेगा भईया को,
पत्नी का पति गुलाम बने,
बेटा मारेगा मैया को,
इन भोले भाले भक्तों पर,
अब मातम छाने वाला है,
अन्याय और पापों से भरा,
अब कलयुग आने वाला है,
क्या तुम्हे पता हैं ऐ अर्जुन।।
ज्ञानी की कोई कदर नहीं,
अज्ञान बिकेगा कलयुग में,
इंसान बिका था सतयुग में,
भगवान बिकेगा कलयुग में,
ऐसा लगता है ऐ अर्जुन,
यह धर्म तो सोने वाला है,
अन्याय और पापों से भरा,
अब कलयुग आने वाला है,
क्या तुम्हे पता हैं ऐ अर्जुन।।
घर में बेटी पैदा होगी,
वो खुशी के दीप जलाएगी,
जा भारत में सुन ले अर्जुन,
मेरी गैया काटी जाएगी,
कैसे मैं कहदू ऐ अर्जुन,
अब मातम छाने वाला है,
अन्याय और पापों से भरा,
अब कलयुग आने वाला है,
क्या तुम्हे पता हैं ऐ अर्जुन।।
क्या तुम्हें पता है ऐ अर्जुन,
ये द्वापर जाने वाला है,
अन्याय और पापों से भरा,
अब कलयुग आने वाला है।।
प्रेषक – महेश कुमार।
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