बिठुडा पिरान श्री आई माताजी संपूर्ण कथा,
ए प्रथम देव गणेश मनावु,
मात शारदा ने ध्यावु,
ए आई माताजी री करू सेवना
कुलदेवी ने मनावु,
ए बिठुडा रा सिद्ध पिरोसा री,
महीमा आपने सुनावु,
ए आई माताजी लजीया राखजो,
शरण आपरी आवु,
ए जगदम्बा नवदुर्गा म्हारी,
आदिशक्ति भवानी,
ए जग री पालनहारी म्हारी,
आई माता अवतारी हा।।
ए रिद्धि सिद्धि महामंत्र ने,
आई माताजी बताया,
ए रिद्धि दीनी जाणोजी ने,
राठौड़ वंश रे माई,
ए सिद्धी दीनी लक्ष्मण जी ने,
परमार वंश रे माई,
ए धिन महीमा आईजी थोरी,
आप बड़ा उपकारी,
ए जगदम्बा नवदुर्गा म्हारी,
आदिशक्ति भवानी,
ए जग री पालनहारी म्हारी,
आई माता अवतारी हा।।
ए संवत 1521 में,
देवी दिवान बनाया,
ए लक्ष्मण सिंह जी ने गादी बैठाया,
केशर तिलक लगाया,
ए लक्ष्मण सिंह जी परमार,
एतो पिरोसा कहलाया,
ए साचा दिया उपदेश आईजी,
साचा मार्ग बताया,
ए जगदम्बा नवदुर्गा म्हारी,
आदिशक्ति भवानी,
ए जग री पालनहारी म्हारी,
आई माता अवतारी हा।।
ए बिन्दोजी परमार आईजी रा,
परम भक्त केवाया,
ए चाणोद सु चाल्या बिन्दोजी,
बिठुडा पिरान बसाया,
ए सफेद गादी री करी थापना,
मां आईजी रो पाट पुराया,
ए आई माताजी री मेहर भयी,
भगतों रे हाजिर आया,
ए जगदम्बा नवदुर्गा म्हारी,
आदिशक्ति भवानी,
ए जग री पालनहारी म्हारी,
आई माता अवतारी हा।।
ए बिलाड़ा रा दिवान एतो,
बिठुडा पिरान पधारीया,
हरिदास जी दिवान पिरोसा रो,
सत परखने आया,
अदरभाणजी पिरोसा,
आईजी रा भक्त केवाया,
ए भोला भगतो री सहाय करी मां,
हेलो सुनता ही आया,
ए जगदम्बा नवदुर्गा म्हारी,
आदिशक्ति भवानी,
ए जग री पालनहारी म्हारी,
आई माता अवतारी हा।।
ए अदर चांदो चालीयो,
बिठुडा पिरान रे माई,
ए पिरोसा रो सत राखियो मां,
आईजी लाज बचाई,
अरे निव निव करे प्रणाम,
बिलाड़ा रा दिवान हरिदास जी,
ए पग पग परचा पडे आपरा,
इन कलयुग रे माई,
ए जगदम्बा नवदुर्गा म्हारी,
आदिशक्ति भवानी,
ए जग री पालनहारी म्हारी,
आई माता अवतारी हा।।
ए पिरोसा हरिदास जी,
भक्त आईजी रा केवाया,
घोडे चढ़ने पिरोसा,
हरिदास जी तो चाल्या,
आई माताजी री मेहर घणी,
तालाब ने पार कराया,
ए चाणोद रा ठाकुर सा ने,
पिरोसा सत रो पर्चो बताया,
ए जगदम्बा नवदुर्गा म्हारी,
आदिशक्ति भवानी,
ए जग री पालनहारी म्हारी,
आई माता अवतारी हा।।
ए पिरोसा जी जोर सिंह जी,
माताजी रो ध्यान लगाया,
ए मध्यप्रदेश गांव कापसी में,
परचो आप बताया,
ए मालवा निमाड़ में पिरोसा,
आई पंथ री ध्वजा लहराया,
ए भूल्या ने भटक्या ने आईजी,
साची राह बताई,
ए जगदम्बा नवदुर्गा म्हारी,
आदिशक्ति भवानी,
ए जग री पालनहारी म्हारी,
आई माता अवतारी हा।।
ए बिठुडा में आई माताजी रो,
धाम सोवनो लागे,
अरे सफेद गादी बिठुडा मे,
सिद्धी रो प्रमाण कहीजे,
अरे पिरोसा मां करे सेवना,
आई माताजी ने ध्यावे,
ए ढोल नगाड़ा घेरा बाजे,
मां होवे आरती थोरी,
ए जगदम्बा नवदुर्गा म्हारी,
आदिशक्ति भवानी,
ए जग री पालनहारी म्हारी,
आई माता अवतारी हा।।
ए रावत सिंह जी परमार एतो,
सिद्ध पिरोसा केवाया,
ए माताजी री करता सेवना,
पिरोसा परम पद पाया,
सिद्ध वचन सु भगतो रा,
वे दुखड़ा तो मिटाया,
ए अपरम्पार आपरा परचा,
लीला सबसु न्यारी,
ए जगदम्बा नवदुर्गा म्हारी,
आदिशक्ति भवानी,
ए जग री पालनहारी म्हारी,
आई माता अवतारी हा।।
ए अखण्ड ज्योता जागे माताजी री,
बिठुडा पिरान रे माई,
अरे जगमग जागे ज्योत मैया,
केशर बरसे माई,
ए भादवा बीज चांदनी रो,
मेलो भरीजे भारी,
ए दूर देशारा आवे जातरु,
बालक ने नर नारी,
ए जगदम्बा नवदुर्गा म्हारी,
आदिशक्ति भवानी,
ए जग री पालनहारी म्हारी,
आई माता अवतारी हा।।
अरे बिठुडा में आई माताजी रा,
परचा पड रया भारी,
अरे आई माताजी री जात लागे,
बिठुडा पिरान रे माई,
साचा मन सु जो कोई ध्यावे,
इच्छा पूरे सारी,
ए शक्ति स्वरूपा हे जग जननी,
आई मात भवानी,
ए जगदम्बा नवदुर्गा म्हारी,
आदिशक्ति भवानी,
ए जग री पालनहारी म्हारी,
आई माता अवतारी हा।।
ए वर्तमान दिवान पिरोसा,
बिठुडा पिरान रे माई,
ए गोपाल सिंह जी परमार कहीजे,
नित उठ शिश निवावे,
ए सीरवी समाज मनावे मैया,
थारा ही गुण गावे,
ए आई माताजी री महिमा कोई,
जग में वर्णी न जाई,
ए जगदम्बा नवदुर्गा म्हारी,
आदिशक्ति भवानी,
ए जग री पालनहारी म्हारी,
आई माता अवतारी हा।।
ए रायपुर सु *मनीष सीरवी*,
महीमा जोर बनावे,
ए गांव चांगवा राकेश सीरवी,
चरना मे शिश निवावे,
ए जोगाराम प्रजापत मैया,
थारा ही गुण गावे,
ए अनिता सिसोदिया माताजी,
आ थारा ही गुण गावे,
अरे भूल चूक री माफी दीजो,
कुल री कुल धनीयानी,
ए जगदम्बा नवदुर्गा म्हारी,
आदिशक्ति भवानी,
ए जग री पालनहारी म्हारी,
आई माता अवतारी हा।।
गायक – जोगाराम जी प्रजापत व अनिता जी सिसोदिया।
लेखक – मनीष सीरवी। 9640557818
रायपुर जिला ब्यावर राजस्थान।