मिले सुपने में हनुमान,
चाला हो गया है।।
दिया रूप विकराल दिखाई,
बाबा नै पहचान ना पाई,
फेर देख गदा गई जान,
चाला हो गया है।।
गल मैं राम भजन की माला,
नैनो का था तेज निराला,
घर बन आए मेहमान,
चाला हो गया है।।
चरणा मै मनै सूर्ती लाई,
खुश होंगे मेरे बलदाई,
दिया मनचाहा वरदान,
चाला हो गया है।।
डांगी लीन भजन मैं देखा,
बाबा के चरणा मैं देखा,
करता देखा गुणगान,
चाला हो गया है।।
मिले सुपने में हनुमान,
चाला हो गया है।।
गायक – श्री नरेंद्र कौशिक जी।
प्रेषक – हन्नू डांगी।
9953806362