दुनिया घनी जले रे सांवरा,
थोड़ी किरपा कर देना,
भोला सा भक्ता के सांवरा,
तू ही भीडु चढ़ जा रा,
लाग्यो रा मुकुट मोहन,
तू ही दूरी हटा जा रा।।
थारो हाथ माथा पर तो,
कई को फिर डरना है,
अरे सांवरिया की कृपा लार,
दुनिया मौजा मारा रे,
दुनिया घणी जले रे साँवरा,
थोड़ी किरपा कर देना।।
अरे थारे भरोसे बैठा मोहन,
कुन की चौखट जाऊ रे,
कैसा रे सेठा ने सांवरा,
मूवी जांचवा जाऊं रे,
म्हारो सेठ तू ही मोटो,
थाने ही मनाऊं रे,
भोला सा भक्ता के सांवरा,
तू ही भीडु चढ़ जा रा।।
थारी ही कृपा से सांवरा,
सारा धंधा चल रहा है,
छोटो सो परिवार सांवरा,
थारी कृपा पल्लियो रे,
रोज लगाओ स्टेटस सांवरा,
थारा नाम सू जीहूं रे,
दुनिया घणी जले रे साँवरा,
थोड़ी किरपा कर देना।।
मावस रे मावस में तो,
मंडफिया नगरी आओ रे,
अब तो सुन ले सेठ सांवरा,
मेरी अर्जी आई रे,
दुनिया घणी जले रे साँवरा,
थोड़ी किरपा कर देना।।
अरे थारे सांवरा मेहल बनियोरा,
टूटी झोपड़ी मारी रे,
अरे टप टप चुवे जी में सांवरा,
टूटी झोपड़ी मारी रे,
हे कृपा करें सेठ सांवरा,
छोटो मेहल बना दे रे,
दुनिया घणी जले रे साँवरा,
थोड़ी किरपा कर देना।।
‘पूरण गुर्जर’ गावे सांवरा,
काना सु तू सुन ले रे,
माथे मुकुट सोवे मोहन,
तू ही पेशी ले ले रे,
थारी कृपा सेठ सांवरा,
दुनिया में चल रे है,
थारा नाम सु सांवरा,
हाई कोर्ट भी हाले रे।।
दुनिया घनी जले रे सांवरा,
थोड़ी किरपा कर देना,
भोला सा भक्ता के सांवरा,
तू ही भीडु चढ़ जा रा,
लाग्यो रा मुकुट मोहन,
तू ही दूरी हटा जा रा।।
गायक – पूरण जी गुर्जर।
प्रेषक – मनीष कुमावत।