इतना बहुत है हे राधा रानी,
तुम हो हमारी,
बस तुम्ही हो हमारी,
एक पल भी बिसरे ना,
सूरत ये प्यारी,
तुम हो हमारी,
बस तुम्ही हो हमारी।bd।
तर्ज – हमें और जीने की।
चौखट की साँकल से,
बांध लेना कस के,
दुखों का समुंदर भी,
गटक जाऊँ हँसके,
मांगू भी तो देना ना,
ये सुख संसारी,
तुम हो हमारी,
बस तुम्ही हो हमारी।bd।
गंभीरता का,
आभूषण में डालू,
मोन ही मोन में,
सब ही कह डालू,
समझ ना पाये कोई,
गुफ़्तगू हमारी,
तुम हो हमारी,
बस तुम्ही हो हमारी।bd।
महलों में लाके चाहे,
कर दो नीलामी,
जमाने की मुझ से,
ना होगी ग़ुलामी,
मंगला के दर्शन ने,
गरुरी भर डाली,
तुम हो हमारी,
बस तुम्ही हो हमारी।bd।
भले जो जमाना,
कहता जो कहलें,
आयेंगी किशोरी जू मेरे,
मरने से पहले,
श्री हरिदासी को,
भरोसा है भारी,
तुम हो हमारी,
बस तुम्ही हो हमारी।bd।
इतना बहुत है हे राधा रानी,
तुम हो हमारी,
बस तुम्ही हो हमारी,
एक पल भी बिसरे ना,
सूरत ये प्यारी,
तुम हो हमारी,
बस तुम्ही हो हमारी।bd।
स्वर – हैप्पी शर्मा श्री हरिदासी बाबा बरसाना।
प्रेषक – पंकज कपूर।
9873183493