अर्ज म्हारी सुणजो रामसापीर,
सायल म्हारी सुणजो रामसापीर,
मैणादे रा कंवर लाडला,
बाई सुगना रा बीर।।
नवलगढ भगता रे कारण,
प्रकट होय गया पीर,
झूंझनो री जैलीया तोङी,
हतकङी जंजीर।।
सेठ और सेठाणी आवे,
ओड कसूमल चीर,
जम्मो जगावे मंदिर चुणावे,
लावे चूरमो खीर।।
हरजी भाटी ने जैळीया में दीना,
कोण बंधावे धीर,
लेय कटारी हरजी मरवा लागा,
आय गया रामसा पीर।।
संत भगत थाने कंत कर गावे,
धरीयो भजन में सीर,
हरीराम री नैया बाबा,
कर ज्यो परली तीर।।
अर्ज म्हारी सुणजो रामसापीर,
सायल म्हारी सुणजो रामसापीर,
मैणादे रा कंवर लाडला,
बाई सुगना रा बीर।।
गायक – अनिल नागौरी।
प्रेषक – धनाराम खोजा खङकाली (नागौर)