सांभर में पूजगौ धाम,
मंदिर शाकंभरी कौ बडिया,
जौ हारयौ हारयौ आवै उकी,
डौर खींचती मंईया,
सांभर म पूजगौ धाम,
मंदिर शाकंभरी कौ बडिया।।
ना भूली कदै भक्तां न,
मां हरदम साथ निंभावै,
संकट म सिंह सवारी,
करती भक्तां रै घर आवै,
सौना सूं लडझड हौ रही हैं मां,
औढै लाल चूंनरिया,
सांभर म पूजगौ धाम,
मंदिर शाकंभरी कौ बडिया।।
ना रूंठी कदै भक्तां सूं,
मां सबका कारज करती,
ना दैखै रौता भक्तां न,
झौली म खूशियां भरती,
मां खारौलां की कूलदैवी,
भक्तां पै रंखै नंजरियां,
सांभर म पूजगौ धाम,
मंदिर शाकंभरी कौ बडिया।।
ना लैवै रूप्या रौकडा,
अनमौल क्रपा करती,
जौ सांचा दिल सूं ढौकै,
उकै मां भण्डारा भरती,
मां कै दर्शन सूं खिल जावै,
सच्चै भक्तौं की अंखियां,
सांभर म पूजगौ धाम,
मंदिर शाकंभरी कौ बडिया।।
ना मौडै मूखडौ भक्तां सूं,
मां सबकौ मंगल करती,
मां मस्तराम कौ परवानौ,
मिनटां म पूरौ पढती,
गूंण गावै ओमप्रकाश बहवै,
सैवा वाली नंदियां,
सांभर म पूजगौ धाम,
मंदिर शाकंभरी कौ बडिया।।
सांभर में पूजगौ धाम,
मंदिर शाकंभरी कौ बडिया,
जौ हारयौ हारयौ आवै उकी,
डौर खींचती मंईया,
सांभर म पूजगौ धाम,
मंदिर शाकंभरी कौ बडिया।।
गायक – ओमप्रकाश खारोल।
9602529824