कैसे बताऊँ श्याम ने,
क्या क्या नहीं किया,
कैसे बताऊं श्याम ने,
क्या क्या नहीं किया,
अपने गले लगा के मुझे,
हसना सीखा दिया। ।
तर्ज – मिलती है जिंदगी में।
खाता रहा था ठोकरे,
दर दर की मै सदा,
खाता रहा था ठोकरे,
दर दर की मै सदा,
मंजिल का मेरे श्याम ने,
रस्ता दिखा दिया,
अपने गले लगा के मुझे,
हसना सीखा दिया। ।
गिरता रहा हूँ मै सदा,
उठने की चाह में,
गिरता रहा हूँ मै सदा,
उठने की चाह में,
बाहें पकड़ के श्याम ने,
चलना सीखा दिया,
अपने गले लगा के मुझे,
हसना सीखा दिया। ।
तड़पा हूँ जिसके वास्ते,
रातो को मै सदा,
तड़पा हूँ जिसके वास्ते,
रातो को मै सदा,
सपना मुझे वो श्याम ने,
दिन में दिखा दिया,
अपने गले लगा के मुझे,
हसना सीखा दिया। ।
कितने ही रंग भर दिए,
जीवन में तुमने श्याम,
कितने ही रंग भर दिए,
जीवन में तुमने श्याम,
फूलों से तुमने हर्ष का,
मधुबन सजा दिया,
अपने गले लगा के मुझे,
हसना सीखा दिया। ।
कैसे बताऊँ श्याम ने,
क्या क्या नहीं किया,
कैसे बताऊं श्याम ने,
क्या क्या नहीं किया,
अपने गले लगा के मुझे,
हसना सीखा दिया। ।