सिंगोली में श्याम धोकडा वाला,
आवा थारे पाला पाला,
मोहन ओ मुरली वाला,
बिगड़ी बणावे मारो श्याम वो,
ठाकुर जी मारा,
बिगड़ी बणावे मारा श्याम वो।।
सिंगोली में मंदिर भारी,
महीमा अपरंपार जी,
जो भी आवे चरण सरण में,
बण जा बिगड्या काम जी,
भाव राख जो सरणा आवे,
ठाकुर जी हृदय सु लगावे,
खाली भर देवे जी भंडार वो,
ठाकुर जी मारा,
बिगड़ी बणावे मारा श्याम वो।।
उचो आसन सिंहासन,
सोना को मारा श्याम वो,
भोलेनाथ जी प्यारा लागे,
सनमुख थारे पाट वो,
भगता की भीड़ भारी,
आवे है लख नर नारी,
दर्शन पावे वो जग संसार वो,
ठाकुर जी मारा,
बिगड़ी बणावे मारा श्याम वो।।
नित नवा श्रृंगार श्याम के,
बागा रो हद भारी वो,
दाडी मईलो हिरो चमकें,
कमर्या सजी कटारी वो,
पागा रा तुर्रा दमकें,
हाथा रो भालो भलके,
प्यारों लागे वो श्रृंगार वो,
ठाकुर जी मारा,
बिगड़ी बणावे मारा श्याम वो।।
अमावस भगता को मेलों,
श्याम धणी को जयकारों,
धोली गाड़ी चोखी लाड़ी,
भगता के वो थे लाज्यो,
देव’थारो लिख लिख गायों,
मात पिता के छावे सहारों,
भोला बामण की राखो लाज वो,
ठाकुर जी मारा,
बिगड़ी बणावे मारा श्याम वो।।
सिंगोली में श्याम धोकडा वाला,
आवा थारे पाला पाला,
मोहन ओ मुरली वाला,
बिगड़ी बणावे मारो श्याम वो,
ठाकुर जी मारा,
बिगड़ी बणावे मारा श्याम वो।।
गायक & लेखक – देव शर्मा आमा।
8290376657