मंडपिया वाला सेठ सांवरा,
नालो तो सहि,
बाहर उबा टाबर जाने,
देखो तो सही।।
अरे थेतो बिराजिया मेहल मालिया,
टूटी झोपड़ी मारी,
अरे मेहर करो मारा साँवरा,
लगादो नौकरी मारी,
डुबतड़ी है नाव साँवरा,
तारों तो सही,
बाहर उबा टाबर जाने,
देखो तो सही।।
अरे गढ़ मंडफिया में बैठा साँवरा,
भगता का हितकारी,
एक नजर मापे नाको तो,
किसमत सुदरे मारी,
भरिया है भंडार साँवरा,
बाटो तो सही,
बाहर उबा टाबर जाने,
देखो तो सही।।
अरे हर बिजनस मे राको साँवरा,
थाकि भागीदारी,
अरे गाटो जिदों चाहे मुनाफो,
दीजो आगे मर्जी थाकि,
अरे सुपर चाले करपा,
राको थे बड़ी,
बाहर उबा टाबर जाने,
देखो तो सही।।
अरे हात पकड़लो मारो साँवरा,
दुनिया हसरी सारी,
थाका नाम को राकू आसरो,
डोर खिचलो मारी,
गढ़ जिला चितोड़ पुजाया,
भगता रा धणी,
बाहर उबा टाबर जाने,
देखो तो सही।।
अरे ना छावे मारे काली गाड़ी,
सुख की रोटी खाणी,
अरे राजी राको गर मे मारे,
थाकि चरना माही,
बबलू गावे भजना माही,
नालो तो सही,
बाहर उबा टाबर जाने,
देखो तो सही।।
मंडपिया वाला सेठ सांवरा,
नालो तो सहि,
बाहर उबा टाबर जाने,
देखो तो सही।।
गायक – बबलू राजस्थानी।
प्रेषक – शंभू कुमावत् दौलतपुरा।
9981101560