मेरे गिरधर मेरे मोहन,
मुझे तेरा सहारा है,
तू हारे का सहारा है,
गरीबों का सहारा है।।
तर्ज – वो लड़की याद आती है।
तेरी ही याद में मोहन,
ये पल पल आंख रोई है,
ना दिन को चैन मिलता है,
ना एक भी पल ये सोई है,
दिखा दे अब दरस हमको,
ये दिल देता दुहाई है,
तू दानी है दयालु है,
यही हमने पुकारा है,
तू हारे का सहारा है,
गरीबों का सहारा है।।
पड़ी मझधार में नैया,
के सूझे ना किनारा है,
भंवर में फस गई नैया,
के भटके बे सहारा है,
तू ही पतवार है मेरी,
तू ही मेरा किनारा है,
तू ही साहिल तू ही माझी,
तू ही मेरा किनारा है,
तू हारे का सहारा है,
गरीबों का सहारा है।।
वक्त की गर्त ने हमको,
दबाया ही दबाया है,
मेरे उजड़े से गुलशन को,
श्याम तूने सजाया है,
लगा ले अब चरण हमको,
की दुनिया ने सताया है,
कहे सुरजीत बेदी ये,
की बाबा श्याम हमारा,
है तू हारे का सहारा है,
गरीबों का सहारा है।।
मेरे गिरधर मेरे मोहन,
मुझे तेरा सहारा है,
तू हारे का सहारा है,
गरीबों का सहारा है।।
गायक – सुरजीत बेदी।
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