तेरे रस्ते के मुसाफिर है प्रभु,
थाम लो दामन हमारा हे प्रभु,
तेरे रस्ते के मुसाफिर है प्रभु।।
तर्ज – दिल के अरमा आंसुओ में।
भटको को रस्ता दिखाते आए हो,
दिन बंधू नाम तभी तो पाए हो,
आप इसमें हो खिलाडी हे प्रभु,
थाम लो दामन हमारा हे प्रभु,
थाम लो दामन हमारा हे प्रभु,
तेरे रस्ते के मुसाफिर है प्रभु।।
अपने भक्तो को यूँ ना बिसराइये,
दास पर अपने तरस कुछ खाइये,
भक्तो से ही आप कहलाते प्रभु,
थाम लो दामन हमारा हे प्रभु,
थाम लो दामन हमारा हे प्रभु,
तेरे रस्ते के मुसाफिर है प्रभु।।
जिनके माझी बन गए वो कौन थे,
भव से जिनको पार तारा कौन थे,
वो भी तेरे दीवाने थे प्रभु,
थाम लो दामन हमारा हे प्रभु,
थाम लो दामन हमारा हे प्रभु,
तेरे रस्ते के मुसाफिर है प्रभु।।
तेरी मर्जी से चले तेरी डगर,
जोर दिखलाता है फिर भी ये भवर,
फर्ज अपना तुम निभा दो हे प्रभु,
थाम लो दामन हमारा हे प्रभु,
थाम लो दामन हमारा हे प्रभु,
तेरे रस्ते के मुसाफिर है प्रभु।।
तेरे रस्ते के मुसाफिर है प्रभु,
थाम लो दामन हमारा हे प्रभु,
तेरे रस्ते के मुसाफिर है प्रभु।।