बेटी ससुरे में रहिया,
तू चांद बन के,
सबके पुतरी के बीचवा,
हो सबके पुतरी के बीचवा,
प्रान बन के,
बेटी ससुरें मे रहिया,
तू चांद बन के।।
की सासु के निश दिन चरण दबाइहा,
बिटिया सबसे पाछे खइहा,
सासु के निश दिन चरण दबाइहा,
बिटिया सबसे पाछे खइहा,
ससुर के बाजे जब खड़उवा,
पानी देहा धोवे पउवा,
रहिहा अगहन पूस महीनवा,
के बिहान बन के,
बेटी ससुरें मे रहिया,
तू चांद बन के।।
की साँझक तनिको समयच पइहा,
छोटहर लड़कन के पढ़ाइहा,
साँझक तनिको समयच पइहा,
छोटहर लड़कन के पढ़ाइहा,
जो केहुए के आहट पइहा,
मुखड़ा घूँघट मे छुपइहा,
रहिहा घर मे हीरा मोती के,
दुकान बन के,
बेटी ससुरें मे रहिया,
तू चांद बन के।।
इज्जत पगड़ी के जोगइहा,
घर से बाहरा कबहु न जइहा,
इज्जत पगड़ी के जोगइहा,
घर से बाहरा कबहु न जइहा,
तोहरे कारण घर पटाई,
सजनीयाँ जीत न पबाई,
अइसन जन करिहा की,
और हनआवे पान बन के,
बेटी ससुरें मे रहिया,
तू चांद बन के।।
सुनल जाइ तोहर बढ़ाई,
हिया जाइ तब हुलसाई,
सुनल जाइ तोहर बढ़ाई,
हिया जाइ तब हुलसाई,
अइसन करिहा सब से प्यार,
तोहरा बिन लागे आधार,
सब के होते रहिहा गीता और,
पुराण बन के,
बेटी ससुरें मे रहिया,
तू चांद बन के।।
बेटी ससुरे में रहिया,
तू चांद बन के,
सबके पुतरी के बीचवा,
हो सबके पुतरी के बीचवा,
प्रान बन के,
बेटी ससुरें मे रहिया,
तू चांद बन के।।
Singer – Pandit Gaurangi Gauri Ji
प्रेषक – मनमोहन साहू।
6268046938