माता पिता अनमोल रतन है,
इनसे बड़ा भगवान नहीं,
कदर नहीं जिसे मात पिता की,
उससे बड़ा नादान नहीं।।
प्रथम गुरु है माता सबकी,
उंगली पकड़ के चलाती है,
आती है जब धूप गमों की,
माँ छाया बन जाती है,
माँ के जैसी ममतामई है,
इस दुनिया में और नहीं,
माँ की कदर नहीं की जिसने,
उसकी कहीं भी ठौर नहीं,
माता पिता का दिल जो दुखाए,
उससे बड़ा शैतान नहीं,
मातापिता अनमोल रतन हैं,
इनसे बड़ा भगवान नहीं।।
पिता खुले आकाश के जैसे,
पंछी बन बच्चे उड़ते,
छू लेते हैं चंlद हाथ से,
वो वो एक दिन उड़ते उड़ते,
पिता नींद है पिता है सपना,
पिता ही सबकी मंजिल है,
पिता के होते कुछ भी असम्भव,
और ना कुछ भी मुश्किल है,
पिता बिना चेहरे पर किसी के,
आती कभी मुस्कान नहीं,
मातापिता अनमोल रतन हैं,
इनसे बड़ा भगवान नहीं।।
माता पिता मंजिल की सीडी,
माता पिता ही किस्मत है,
मातापिता अनमोल खजाना,
माता पिता ही दौलत है,
मात पिता से पूंजी नहीं है,
दूजी कोई जमाने में,
खुद को गिरा देते हैं जमी पे,
औलादों को उठाने में,
माता पिता से बढ़कर दूजा,
और कोई वरदान नहीं,
मातापिता अनमोल रतन हैं,
इनसे बड़ा भगवान नहीं।।
माता पिता अनमोल रतन है,
इनसे बड़ा भगवान नहीं,
कदर नहीं जिसे मात पिता की,
उससे बड़ा नादान नहीं।।
Singer – Avinash Karn
Upload – Narendra Kumar
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