जोवे जातरी बाट नखराला भेरू,
जोवें थारी जातरी बाट,
पधारो भेरू जोवें जातरी बाट।।
देखे – भेरुजी नाना नाना बाजे घुघरा।
कालो कालो मह कालो,
मद माही मत वालो,
छंनीया ने छनकालो,
छंनन नचावतो,
भेरुजी भदेर वालों,
चामुण्डा रो चरतालो,
नाचबा रो नखरालो,
भखरालो आवतो,
ऐ बांको वीर विराट,
नखराला भेरू,
जोवें जातरी बाट।।
दारुडा में भेरुड़ा थे,
कलाली ने मोही है,
रागिनी रसिया गाता,
ढोलनिया ने मोही है,
होले होले बाको चाले,
खोल पट घुंघटा ने,
मोही मोही छतीशोइ,
नार सिंन्गारी है,
बामनिया बरनीया मोही,
सुनारीया कुमारिया मोही,
सोला सिंगार करती,
रानिया ने मोही है,
ठुमरी में ठुकरानी,
घुमर में चाकरानी,
जाटनीया गुजरया ने,
मोही मतवाला है,
वह मद मातो मार्ग रोक्या,
रोक्या थे ओगट घाट,
ए पानी की पनीहारिया रोकि,
या कई पड़ी है थारे छांट रे,
नखराला भेरू,
जोवें जातरी बाट।।
कंधे पर जोड़लिया जटा,
कान्ना पर पडिया पटा,
अंग चट्टा बट्टा रो,
बागो मन मोवतो,
चारु हाथा रे माई,
डमरू त्रिशूल उठाई,
खपर खुरज माई,
नरमुंड सोवतो,
धौला दास कारीगर,
स्वान की सवारी,
कर दुख हारि भेरू,
भारी भीड़ ने भगावतो,
दौड़तो ही धड़ड़़ड़,
करतो ही कड़़ड़़ड़,
फाड़ तो ही फड़ड़ड़,
हिवड़ा हलावतो,
अरे बावन वीर बेताल,
ले भूत भभुलीया भाट,
सकीन डाकिन जोगन ने,
ले आज्ये रे ऊपर पाठ,
नखराला भेरू,
जोवें जातरी बाट।।
भाग तो ही बड़ड़ड़,
गाजतो गड़ड़ड़,
मुंडकीया मरड़तो,
खपर में खावतो,
डाकनिया डरावतो,
भूतड़ा भगावतो,
चोटिया चल्डावतो ही,
त्रिशूला भावतो,
डम डम डड़ड़ड़,
डमरू बजावतो,
खल खल खरलल,
सांकलीया बजावतो,
जालरा री जररर,
घुगरा री घररर,
गुजरा री गननन,
नुगरा पे भावतो,
हाजिर उबा हजुरिया,
ऐ गारी गुजर जाट,
ढोला के ढमके चढ़ आओ,
आकर बैठो पाठ रे,
नखराला भेरू,
जोवें जातरी बाट।।
यात्रिया रो जमघट,
बेगा आओ झटपट,
बोलरीया अटपट,
गाड़ो मत होवे है,
छोड़ सब सटपट,
मेट माकी खटपट,
पुण्य थारी पेड़या रो,
मत ना लजावे है,
हटीला रे हठ छोड़,
मांका आडी मुख मोड़,
कष्ट हो तो काड कौड,
तोड़ परी पीड़ ने,
नेवरीयो है ग्राम ठोड़,
ब्राह्मण है गुर्जर गोड़,
भैरव भेरुजी आगे,
नीत गावे गीत ने,
धजा उड़न्ती धाम या,
मत राको मन आट,
दुश्मन की करो देवलीया,
राख हागडे ठाठ,
नखराला भेरू,
जोवें जातरी बाट।।
जोवे जातरी बाट नखराला भेरू,
जोवें थारी जातरी बाट,
पधारो भेरू जोवें जातरी बाट।।
लेखक – स्व. पंडित भैरव शंकर शर्मा नेवरिया।
गायक – लेहरुदास वैष्णव।
अपलोड कर्ता – सुरेश सुथार रेवाड़ा।