थने माल परायो भावे जी,
पैसा लागे गांठ का,
तू मोड़ो आवे जी,
मोड़ो आवे जी,
सांवरिया मोड़ो आवे जी।।
कर्मा लाईं खाले खिचड़ों,
वेगो वेगो आयो,
मार पालकी जीमन बैठ्यो,
सारों ही गटकायों,
तने माल परायों भावे जी,
पैसा लागे गांठ का,
तू मोड़ो आवे जी।।
नरसी के घर अन को टोटो,
खीर चूरमो कोन्या,
मतलब की मनवार सांवरा,
थने ओलमो कोन्या,
तने माल परायों भावे जी,
पैसा लागे गांठ का,
तू मोड़ो आवे जी।।
चोर चोर कर माखन खायो,
भूप बनियों थू मुड़े,
नरसी के घर ताम तुमड़ा,
तू कई सिर में फोड़े,
तने माल परायों भावे जी,
पैसा लागे गांठ का,
तू मोड़ो आवे जी।।
आणो वे तो आजे सांवरा,
फेर कना कदी आसी,
हरि नारायण सर्वा कहता,
लाज सगा में जासी,
तने माल परायों भावे जी,
पैसा लागे गांठ का,
तू मोड़ो आवे जी।।
थने माल परायो भावे जी,
पैसा लागे गांठ का,
तू मोड़ो आवे जी,
मोड़ो आवे जी,
सांवरिया मोड़ो आवे जी।।
गायक – रमेश जी शर्मा।
प्रेषक – विनोद कुमार वैष्णव।
9414240116